दिल के जख्मोंको मै दिखांऊ कैसे
कि तेरे सितम मै दुनिया को बतांऊ कैसे
अपने दिल को अक्सर ही बहला लेते है
हम वो हुए जो खफ़ां तो अब मै मनांऊ कैसे
वो तेरी शोख अदांए वो शरारती निगांहे
तु नही तो खुद को मै अब सतांऊ कैसे
हम खुद ही मिट गये तुम्हे भुलाने से पहले
तु ही बतां तेरे अक्स को दिल से मिटांऊ कैसे
मेरे बरबादे-हाल को तो दुनिया जानती है
तेरे करम तुझको ही मै बतांऊ कैसे
तेरी यादोंके सिवा कुछ ना बचा दामन मे मेरे
अब दुनिया मे इस दौलत को में लुटांऊ कैसे
अश्कोंका समुंदर भी पीकर मैने देख लिया
इस दिलमें लगी आग को मै बुझांऊ कैसे
तुने इश्क का सिला क्या मांग लिया है जाना
अपने ही हाथोंसे तेरे जनाजो को मै सजांऊ कैसे